Cyber security क्या है-
Cyber security क्यों जरूरी है
Cyber security कितने प्रकार की होती है-
नेटवर्क सुरक्षा (network security-
एप्लीकेशन सिक्योरिटी (application security)
आज के समय में मोबाइल कंप्यूटर लैपटॉप आदि में इंटरनेट का अत्यधिक इस्तेमाल किया जाता है जितनी भी applications जोकि इंटरनेट के माध्यम से चलती है उन सभी एप्लीकेशन और उससे जुड़े storage को एप्लीकेशन सिक्योरिटी हैकर या साइबर हमले से बचाने का कार्य करती है
Email security (ईमेल सिक्योरिटी)
इसके अंतर्गत network में email security के लिए स्पैम फिल्टर लगाए जाते हैं ताकि हानिकारक मैसेज को users से दूर रखा जा सके क्युकी अधिकतर अपराध email phishing के द्वारा होते है।
क्लाउड सिक्योरिटी(cloud security)
यह Cloud storage पर सेव किए गए सभी डाटा फाइल और डॉक्यूमेंट को सुरक्षा प्रदान करता है इस सुरक्षा को क्लाउड कंप्यूटर सुरक्षा कहा जाता है आज के समय में बड़ी-बड़ी कंपनियां और वेबसाइट मालिक अपना डाटा स्टोर करने के लिए cloud services का इस्तेमाल करते हैं
Cyber security कैसे कार्य करता है-
Cyber security के एक्सपर्ट एक बड़ा रोल निभाते हैं हमारे network और cloud system कि किसी भी cyber attack से रक्षा करते हैं cyber security के अंतर्गत ethical hackers की एक बड़ी team होती है बड़ी-बड़ी कंपनियां ethical hackers द्वारा अपने system या network को हैक करवाती है ethical hacker permission लेकर कार्य करते हैं और पता करते हैं इस सिस्टम में कहां पर कमी है ताकि उन्हें सही किया जा सके ऐसा करके कंपनियां अपने users को बेहतर security प्रदान करती है ethical hackers और cyber security expert इन दोनों का मुख्य कार्य system को security प्रदान करना है।
Cyber security के क्या लाभ है
- Cyber security के द्वारा नेटवर्क को इंटरनेट पर होने वाले खतरों से बचाया जा सकता है जिससे users सुरक्षित रह कर अपना कार्य कर सकें
- डाटा को बेहतर सुरक्षा प्रदान की जाती है जिससे परसनल डाटा चोरी या लीक ना हो
- कंप्यूटर और मोबाइल,लैपटॉप आदि को हैक होने से बचाता है
- इंटरनेट पर होने वाली घटनाओं में कमी आती है
- Users को बेहतर सुविधा प्रदान होती है
साइबर हमलों के प्रकार
1.(एडवेयर)Adware.
एडवेयर मैलवेयर का एक समूह है जोकि install होने के बाद बिना किसी ऐप को खोलें होम स्क्रीन पर लुभावने एंड दिखने लगते हैं जोकि hacker द्वारा बनाया गया एक software होता है! उस software को इंस्टॉल करने पर हैकर कंप्यूटर या स्मार्टफोन को access कर लेता है जिसकी मदद से यूजर्स के important data को चोरी कर लेता है ये हमला किसी भी वेबसाइट से कुछ भी डाउनलोड करने से हो सकता है।
2.मैलवेयर (malware).
Malware एक तरह का कंप्यूटर सॉफ्टवेयर होता है! जोकि दूषित सॉफ्टवेयर होता है इसके वायरस सही समय पर खुद को कॉपी करके पूरे कंप्यूटर सिस्टम में फैल जाते हैं और users की अनुमति और ज्ञान के बिना ही कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं यह वायरस किसी गलत email, link पर क्लिक करने से कंप्यूटर या स्मार्टफोन में डाउनलोड हो सकते हैं
3.(ट्रोजन हॉर्स)Torjan horse.
ट्रोजन हॉर्स एक तरह का malware program है जोकि एक वैध रूप से कंप्यूटर में डाउनलोड हो जाता हैं।ये users के सिस्टम को कंट्रोल कर malicious action को अंजाम देता हैं ट्रोजन के सिस्टम में सक्रिय होने के संकेत जैसे कंप्यूटर सेटिंग का गलत तरीके से बदल जाना ये users के system को lock कर सकता है।
4.रेंसम वेयर (Ransomware).
Ransomware एक बार ही हमारे कंप्यूटर मैं इंस्टॉल होने पर हमारे डाटा को lock कर देता है ये कंप्यूटर में पड़ी फाइल्स को नुकसान पहुंचाता है ये हैकर users से पैसों की मांग करते हैं और फिरौती लेकर ही इस वायरस को हटाता है।
Cyber attack से कैसे बचा जा सकता है?
साइबर हमलों से बचने के लिए antivirus (एंटीवायरस) का उपयोग किया जाता है अतः साइबर अपराध के बारे में ज्ञान का होना भी आवश्यक है! कुछ antivirus कंप्यूटर सिस्टम में पहले से ही मौजूद होते हैं जो हमारे कंप्यूटर सिस्टम कि रक्षा करते हैं। और सतर्कता बरतनी जरूरी है जैसे कि गूगल क्रोम के एक्सटेंशन को इंस्टॉल करते वक्त, किसी गलत ई-मेल पर क्लिक करते वक्त।
भारत में साइबर अपराध से निपटने के लिए सरकारी प्रयास-
- .भारत में बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए सरकार द्वारा समय-समय पर अत्यंत कठोर कदम उठाए गए हैं 2008 मैं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 (information technology act-2000) को पारित किया गया।
- भारत सरकार के संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने 2 जुलाई 2013 को राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति-2013 की घोषणा की।
- . इसके अंतर्गत अति संवेदनशील सूचनाओं के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय अति संवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC) का गठन किया गया
- सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में मानव संसाधन विकसित करने के लिए information security Education awareness (ISEA) परियोजना का गठन
- भारत में अंतर एजेंसी समन्वय के लिए (I4C) यानी भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की स्थापना।
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक कार्यालय द्वारा एक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2020 तैयार की गई
- साइबर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए 2018 मैं 'भारत में साइबर सुरक्षित भारत पहल, की शुरुआत की गई। जिसका मुख्य उद्देश्य डाटा को सुरक्षित रखना है।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय और साइबर सेल डिपार्टमेंट ने मिलकर एक हेल्पलाइन नंबर लांच किया।
- बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए सरकार द्वारा लाभदायक कदम उठाए जा रहे हैं।