Religion of Islam इस्लाम धर्म|history, population,
इस्लाम धर्म के विचारो पर चलने वाले लोग मुसलमान कहलाते हैं। मुसलमान इकेश्वरवादी हैं और वो सिर्फ अल्लाह की की इबादत करते हैं। इस्लाम धर्म दुनिया के सबसे बड़े धर्मो मे दूसरे स्थान पर आता है इसकी शुरुआत 1400 सौ साल पहले अरब मुल्क से पैगंबर हज़रत मोहम्मद द्वारा की गई। और पैगंबर मोहम्मद इस्लाम धर्म के आखरी नबी माने जाते हैं उनसे पहले भी 1 लाख 24 हज़ार पैगंबर ईश्वर (अल्लाह) द्वारा भेजे गए। परंतु इस्लाम धर्म मै सबसे बड़ा पद(अल्लाह के बाद) पैगंबर मोहम्मद को दिया जाता हैं। क्युकी पैगंबर मोहम्मद पर पवित्र किताब 'कुरान' उतारी (नाजिल) की गई।
(Rise of Islam)इस्लाम का उदय
इस्लाम का उदय-इस्लाम उस खुशी का नाम है जो खुशी दूसरों को देने से मिलती है इस्लाम अमन है इंसान के लिए' बस इन चीजों का ख्याल रखो, अल्लााह पर यकीन रखो और उसके फ्राइज़ अंजाम देते रहो 'और अल्लाह की मखलूक का ख्याल रखो और उसे अंजाम देते रहो तुम्हारा इस्लाम मुकम्मल हो जाएगा
मुसलमान शब्द का अर्थ-अल्लाह और उसके बंदों के साथ शांतिपूर्ण संबंध स्थापित करना है और ऐसे ही मुसलमान पैगंबर मोहम्मद हुए। जिन्होंने अपने स्वभाव और अपने उच्च विचारों से इस्लाम धर्म की स्थापना की। और अपने उच्च विचारों से दुनिया में फैले अंधेरे को रोशनी देने का काम किया।
मोहम्मद इब्ने इशाक अरब के बहुत बड़े इतिहासकार ने सबसे पहले पैगंबर हजरत मोहम्मद का चरित्र इन्होंने ही लिखा था।
History of Islam
हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ इस्लाम के आखिरी नबी माने जाते हैं हजरत मोहम्मद (स, अ.) ने ही इस्लाम को लोगों तक पहुंचाया मोहम्मद (स अ) के आने से पहले अरब के लोग बूतो की पूजा करते थे पूर्व इस्लामी अरब में देवताओं या देवियों को व्यक्तिगत जनजाति के संरक्षण के रूप देखा जाता था उनकी आत्मा पवित्र पेड़ों झरनों और कुओ से जुड़ी थी और हर कबीले का अलग खुदा था और वह अपने-अपने द्वारा बनाए अलग-अलग बूतों की पूजा करते थे।
पैगंबर मोहम्मद का जन्म
पैगंबर मोहम्मद के आने से पहले पूर्व इस्लामी अरब देश मैं गरीबों और मजलूमों पर अत्याचार करने के बाद कोई पछतावा तक नहीं करता था। उस समय सामाजिक बुराइयां छल कपट और जुआरी और शराब हराम और हलाल मैं किसी को कोई फर्क नजर नहीं आ रहा था! वहां औरतें और लोग सुरक्षित नहीं थे और हर जगह बदइंतजामी थी !
मोहम्मद मुस्तफा स.अ की विलादत हिजरी रबी उल अव्वल महीने की 12 तारीख को 571ईस्वी को अरब के शहर मक्का में हुई! पैगंबर के जन्मदिन को मिलादुन्नबी के जश्न में मनाया जाता है
मोहम्मद (स. अ.) के वालिद (पिता) का नाम अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुततलिब था इनकी वालिदा (माता) का नाम बीबी आमना था!
जानकार लिखते है जब मोहम्मद स अ. तशरीफ लाए तब आसमान पर सितारे इस तरह रोशन हुए कि सारा संसार जाग उठा की और सारे नजूमी सजदे में गिर गए वादी ए श्याम जो हजारों सालों से खुश्क थी वहां बारिश होने लगी और जहां जहां आग की पूजा हो रही थी वहां आग खुद ब खद बुझ गई जो लोग बूतों की पूजा कर रहे थे उनके बूत अचानक गिर गए मिस्र का सबसे बड़ा बुत मियार जमीन पर गिरकर टूट गया और खाना ए काबा में जितने भी बूत थे वह सब जमीन पर गिर कर टूट गए!
उस समय हर इंसान जमी पर एक अलग किस्म की खुशी महसूस कर रहा था हर कोई यह बात कर रहा था कि यह खुशबू उस आखिरी नबी की हैं जिसका आने का वादा अल्लाह ने पिछली किताबों में क्या है यह मंजर देखकर सभी हैरान थे!
पैगंबर मुहम्मद की बेटी का नाम फातिमा और दामाद हज़रत अली थे।
पैगंबर मोहम्मद को संदेश कैसे प्राप्त हुआ
हजरत मोहम्मद स. अ. के वालिद का इंतकाल उनके जन्म के 2 महीने बाद ही हो गया था! मोहम्मद स अ अपने चाचा हजरत अबू तालिब और उनकी पत्नी फातमा बिनतह असद की देखभाल मैं थे
40 साल की उम्र में मक्का के पास पर्वत जबल अल नूर मैं हीरा की गुफा मैं हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम को अल्लाह की तरफ से पहला संदेश मिला आप वहां अक्सर जाया करते थे,
अल्लाह ने फरमाया, यह सब चांद तारे और सूरज मैंने पैदा किया मुझे याद करो मैं केवल एक हूं
لا الہ الا اللہ اللہ محمد الرسول اللہ
मेरा कोई मानी सानी नहीं है लोगों को समझाओ तब हजरत मोहम्मद स अ ने ऐसा करने का वचन दिया!
मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम पर अल्लाह की पाक किताब `कुरान, उतारी गई! पैगंबर मोहम्मद स.अ को मक्का की पहाड़ियों में कुरान का ज्ञान 610 ईसवी के आसपास प्राप्त हुआ जब उन्होंने उपदेश देना आरंभ किया तब मक्का के समृद्ध लोगों ने इसे अपनी सामाजिक व्यवस्था पर खतरा समझा और उनका विरोध किया
अंत में 622 में उन्हें अपने अनुयायियों के साथ मक्का से मदीना के लिए कुच करना पड़ा इस यात्रा को हिजरी (हिजरत) कहा जाता है और यहीं से इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत होती है हजरत मोहम्मद (स अ) ने इस्लाम को लोगों तक पहुंचाया हलाल और हराम के बारे में बताया और समाज में आई अनेक बुराइयों को मिटाया
उस समय अरब में यहूदी ईसाई धर्म और बहुत सारे समूह जो मूर्तिपूजक थे कबीले के रूप में थे उन्होंने मूर्ति पूजा का विरोध किया और बताया अल्लाह एक है और वह इंसानों को सच्चाई और ईमानदारी की राह पर चलने को कहता है पर मक्का के लोगों को यह बात पसंद नहीं आई और उन्होंने मोहम्मद ( स अ) का विरोध किया और उन पर ईमान लाने वाले लोगों को तरह तरह से सताया और उन पर कई हमले किए!
पैगंबर मोहम्मद स.अ. को लोगों ने पत्थर मारे और उनकी राह पर कांटे बिछाए और जुल्म इतना बढ़ गया कि लोगों ने गंदगी तक डाली और उन्हें कुच करने पर मजबूर कर दिया मोहम्मद स अ.) ने अपने प्रिय संदेश को राजदूतों द्वारा राजा महाराजाओ तक पहुंचाया सारे विरोधियों और दुष्मनियो के बावजूद सत्य धर्म की रोशनी फैलती चली गई यहां तक कि पूरे अरब क्षेत्र में इस्लाम फैल गया
हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने फरमाया अल्लाह की इबादत करो क्योंकि वह इबादत के लायक है और सब इंसान हजरत ए आदम की औलाद है उन्होंने अपना प्रिय संदेश सभी तरह के इंसानों तक पहुंचाया और इसकी प्रिय रोशनी से सारा संसार जग उठा,
Population
इस्लाम, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म
है विश्व मेंं आज लगभग एक अरब या(2.0) या 200 करोड़ से अधिक मुसलमान है जो विश्व की आबादी का 23% हिस्सा बनाता है इनमें से लगभग 75% सुन्नी और 25% शिया है सबसे अधिक मुसलमान दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया के देशों मेंं रहते है विश्व में लगभग 56 ऐसे देश है जहां मुसलमान अधिक संख्या में है और विश्व के कई ऐसेे भी देेश है जहां की मुसलमान जनसंख्या के बारे में कोई विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध नहीं है सबसे अधिक मुसलमान इंडोनेशिया में रहते हैं दूसरे नंबर पर भारत में सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं।